राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना (Rajasthan Grameen Ajeevika Mission 2023), RGAVP, Rajeevika, राजिविका योजना
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना जिसे की RGAVP के नाम से जाना जाता है। यह एक अंब्रेला योजना है जिसके अंतर्गत बहुत सारी योजनाएं राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं जो कि राजस्थान के ग्रामीण परिवेश में रहने वाली जनता को रोजगार की दिशा में लाभ प्रदान करती है। इस योजना का शुभारंभ वर्ष 2009 एवं 10 में किया गया था।
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना 2021 (Rajasthan Grameen Ajeevika Mission)
नाम | राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना |
अन्य नाम | RGAVP, राजीविका |
वर्ष | 2009-10 |
वेबसाइट | .rajeevika.rajasthan.gov.in/ |
टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर | नहीं हैं |
लाभार्थी | 4 लाख गरीबी रेखा के नीचे आने वाली जनता |
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना उद्देश्य
यह योजना मुख्यतः राजस्थान में रहने वाले बीपीएल परिवार के लोगों को स्थाई रूप से रोजगार के संसाधन प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई ताकि इन लोगों का आर्थिक स्तर सुधारा जा सके और इन्हें गरीबी रेखा के नीचे आने वाले दायरे से ऊपर उठाया जा सके ताकि वह आसानी से अपना जीवन यापन करने में सक्षम हो।
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा परिषद का गठन किया गया इस परिषद के अध्यक्ष स्वयं राजस्थान के मुख्यमंत्री घोषित किए गए साथ ही यह भी तय किया गया कि इस योजना के उपाध्यक्ष ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग के मंत्री होंगे। ग्रामीण स्तर पर रहने वाले गरीब परिवारों के उत्थान के लिए सुचारू रूप से नियमित कार्य हो सके इसीलिए इस परिषद की अंतर्गत राज्य सरकार के मुख्य लोगों को ही पद अधिकार दिए गए ताकि योजना पर कड़ी से कड़ी नजर रखी जा सके।
इस योजना के अंतर्गत पुरुषों के शासन महिलाओं के विकास की तरफ भी सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है योजना के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए तकनीकी ज्ञान देने के कार्य भी इस योजना के अंतर्गत किए जाते हैं। ताकि उन महिलाओं का विकास हो सके और वे रोजगार प्राप्त करने में सक्षम बन सके।
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद की विशेषताएं
1. योजना के अंतर्गत स्वयं सेवक सहायता समूह के गठन के साथ-साथ अन्य उच्च स्तरीय संस्थाओं का गठन भी किया गया है ताकि रोजगार के अधिक से अधिक अवसर प्रदान किए जा सकें।
2. इस परिषद को कई माध्यमों से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
3. योजना को इस तरह से संचालित किया जाता है कि इसमें किसी भी विशेष प्रकार के अनुदान की बजाय बचत एवं साख की पद्धति से ज्यादा चलाया जा सके।
4. एक समूह को दूसरे समूह से जोड़ा जाता है ताकि इस परियोजना की ताकत बढ़ सके।
5. समूह को जो भी लागत दी जाती है उन पर ब्याज दरों का उचित निर्धारण भी किया जाता है।
6. इस तरह की संस्थान इस परियोजना के लिए कार्य करते हैं जो कि राज्य स्तर से गांव स्तर तक अपना कार्य पहुंचाते हैं।
7. मुख्यतः यह योजना ग्रामीण परिवेश के लोगों के लिए रोजगार के केंद्र की तरह कार्य करती है।
8. यह परियोजना रोजगार की एवं समूह में कार्य करने की एक सुरक्षा प्रदान करती हैं।
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना में शामिल क्षेत्र
यह योजना राजस्थान राज्य के 17 जिलों में चलाई जा रही है जिसमें
- उदयपुर
- राजसमंद
- सवाईमाधोपुर
- बांसवाड़ा
- चित्तौड़गढ़
- चूरु
- दौसा
- धौलपुर
- डूंगरपुर
- झालावाड़
- करौली
- बांसवाड़ा
- भीलवाड़ा
- बीकानेर
- बूंदी
- बारां
- टौंक
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना बजट
इस योजना के लिए बजट राज्य सरकार द्वारा तो दिया ही गया हैं साथ ही विश्व बैंक से भी इस योजना के लिए आर्थिक योगदान प्राप्त किया गया हैं इस योजना में 958 करोड़ रुपये का व्यय किया गया हैं .
अन्य योजनाओं के साथ जुड़ाव
परियोजना के अंतर्गत इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाएगा कि जो भी परियोजना का क्षेत्र है वहां पर मौजूद सभी गरीबों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ मिल सके। परियोजना क्षेत्र के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह अपने क्षेत्र में रह रहे सभी गरीबों को सभी तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाएं। जो भी योजना गरीबी उन्मूलन से संबंध रखती है उसका लाभ सभी गरीबों को मिलना चाहिए जैसे सर्व शिक्षा अभियान, कृषि विभाग, बागवानी विभाग, मनरेगा, टीएससी, एन आर एच एम आदि सुरक्षा सामाजिक योजनाओं का लाभ सबको मिल सके।
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना का क्रियान्वयन
ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना के क्रियान्वयन के लिए एक विशेष दल बनाया जाएगा, जो परियोजना सहयोग दल या पीएफटी कहलायेगा। परियोजना सहयोग दल गरीबों के स्वयं सहायता समूह का गठन करेगी, इसके साथ ही अलग-अलग गतिविधियों के लिए तकनीकी सहायता समूह का फेडरेशन आदि विकास कार्य देखने का कार्य इसी दल का होगा।
ग्रामीण आजीविका विकास परिषद का गठन
राजस्थान में राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में रहने के लिए राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई थी, जिसके बाद सन 2010 में आजीविका विकास परिषद सोसाइटी का गठन किया गया। इस ग्रामीण आजीविका विकास परिषद के अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री जी होते हैं। इसके साथ ही अन्य मंत्री ग्रामीण विकास का कार्यभार देखते हैं और पंचायती राज विभाग इसके उपाध्यक्ष और मुख्य सचिव परिषद के सचिव होते हैं।
ग्रामीण आजीविका परियोजना की वर्तमान स्थिति एवं उपलब्धियां
- इस परियोजना के अंतर्गत विश्व बैंक द्वारा वित्तीय सहायता की जा रही है। इसके साथ ही बजट को बढ़ाने के लिए आवश्यक सूचना एसेसमेंट, ट्राईबल डेवलपमेंट फ्रेमवर्क आदि का अध्ययन कर एक संस्थान के माध्यम से रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
- इस परियोजना में एनवायरनमेंट मैनेजमेंट फ्रेमवर्क की एक विशेष रिपोर्ट भी सम्मिलित की गई है।
- परियोजना का क्रियान्वयन आगे बढ़ाने के लिए विश्व बैंक को एक मैनुअल ड्राफ्ट बनाकर दिया गया। इस ड्राफ्ट में अलग-अलग तरह की गतिविधियां बताई गई जैसे प्रोजेक्ट कैसे इंप्लीमेंट होगा उसमें वित्तीय सहायता कहां से आएगी कम्युनिटी ऑपरेशनल की जानकारी एच आर मैनुअल ड्राफ्ट आदि सभी जानकारी को एक साथ सम्मिलित किया गया।
- विश्व बैंक बोर्ड की एक विशेष बैठक हुई जिसमें इस ड्राफ्ट को अच्छे से देखा गया जिसके बाद सन 2011 में विश्व बैंक द्वारा इस परियोजना को हामी दे दी गई।
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना संचालित गतिविधियां
सामुदायिक संगठन का निर्माण
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य गरीबों का उन्मूलन है। अतः इस परियोजना के क्रियान्वयन के पहले चरण में अधिकारियों द्वारा राज्य के सभी गरीब परिवार की निर्धन महिलाओं की जानकारी इकट्ठी की जाएगी और इन्हें एक साथ जोड़कर सामुदायिक संगठन का निर्माण किया जाएगा। यह संगठन गरीब निर्धन परिवार की आजीविका विकास में उनकी मदद करेगा। इसके साथ ही परिवार की आय वृद्धि हेतु उनकी हर तरह से मदद की जाएगी। संगठन द्वारा वित्तीय एवं तकनीकी और साथ ही अन्य सहायता भी की जाएगी जिससे गरीब परिवार आगे बढ़ सके। राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि गरीब ग्रामीण परिवारों के उद्धार के लिए उनको आर्थिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों से जोड़ने के लिए एक तीन स्तरीय का सामुदायिक संगठन बनाया जाएगा, जो निम्नानुसार है
- स्वयं सहायता समूह (self help group)
- ग्राम संगठन (village organisation)
- क्लस्टर लेवल फेडरेशन (cluster level federation)
वित्तीय समावेशन
ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना के अंतर्गत वित्तीय समावेशन के लिए दो घटकों को सम्मिलित किया गया है. जो है-
- परियोजना द्वारा प्रदत्त सामुदायिक निवेश राशि (Community investment fund)
- बैंक लिंकेज, बैंक द्वारा ऋण
राजस्थान सरकार ने ग्रामीण आजीविका विकास परिषद द्वारा स्वयं सहायता समूह का निर्माण किया है जिसके माध्यम से राज्य में रहने वाले गरीब निर्धन परिवारों की अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु वित्तीय सहयोग प्रदान किया जाएगा। यह वित्तीय सहायता की राशि सेल्फ हेल्प ग्रुप द्वारा सभी सदस्यों को आवश्यकता के अनुसार लोन के रूप में दी जाएगी। ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना के ड्राफ्ट के अनुसार सेल्फ हेल्प ग्रुप को जो भी रिवाल्विंग फंड दिया जाता है. वह एक लोन के रूप में दिया जाता है। लोन का जो भी ब्याज होता है उसका भुगतान समूह को ग्राम संगठन को देना होता है। इसका मुख्य उद्देश्य पूरे समूह को वित्तीय सहयोग प्रदान करना है। जब समूह पूरा सुदृढ़ हो जाता है और संचालन की गतिविधियां सुचारू रूप से चलने लगते हैं, उसके पश्चात समूह को आजीविका संवर्धन राशि दी जाती है। यह राशि सूक्ष्म ऋण आजीविका योजना के अंतर्गत मिलती है। आजीविका विकास परिषद ग्रुप को बैंक से लोन प्राप्त करने में भी मदद करता है।
आजीविका विकास
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना परिषद राज्य के सभी गांव में रहने वाले परिवारों की आजीविका विकास को सुधारने के लिए विभिन्न करों की गतिविधियां आयोजित करते हैं। परिषद द्वारा पशुपालन कौशल विकास आदि को बढ़ावा दिया जाता है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में मौजूद सभी गरीबों उन्मूलन है। सभी समूहों का मुख्य उद्देश्य आजीविका योजना को सुचारु रुप से चलाना है। इसी आजीविका योजना को बनाने के लिए परिषद समूह की हर तरह से मदद करती है।
प्रस्तावित क्रियान्वयन की जानकारी
परियोजना के अंतर्गत एक विशेष प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन प्लान तैयार किया गया है. इसमें परियोजना के अंतर्गत आने वाली सभी गतिविधियों की जानकारी हर वर्ष कार्यक्रम के अनुसार लिखी गई है।
परियोजना गतिविधियों के चरण
गतिविधि | प्रथम वर्ष | द्वतीय वर्ष | तृतीय वर्ष | चतुर्थ वर्ष | पंचम वर्ष | कुल |
जिला | 17 | 17 | ||||
PFT संसथान | 34 | 76 | 110 | |||
ग्राम प्रवेश | 18 | 65 | 17 | 100 | ||
परियोजना में स्वयं सहायता समूह | 2500 | 19398 | 9684 | 1368 | 33000 | |
क्लस्टर देवलोपमेंट | 340 | 1123 | 646 | 91 | 2200 | |
PFT एरिया फेडरेशन | 17 | 38 | 55 | |||
उत्पादक संघ | 8 | 9 | 17 | |||
कौशल उन्नयन एवं प्रशिक्षण | 680 | 5100 | 5100 | 6120 | 17000 | |
ग्रुप लिंकडविथ बैंक्स | 1785 | 13579 | 6779 | 958 | 23100 |
योजना के अंतर्गत जानकारी
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